भौहें तनुं कोप है पर अखियन माँ सोक है
चिंता परचंड है, परतिग्या अखंड है |
यौवन घड़ी लंघ चली, नृप सुधी बड चली
काहें राजकुमारी अब बाबुल दुलारी है |
तज गृह प्रजा राज, त्यागा नृपता का ताज
ठाना घनघोर प्रण, वर पाने पे चखुंगा अन्न |
सारे काज तज, डर हरी नाम भज
रानी पटरानी सारी द्वार में पधारी हैं |
गजरों के फूल देखो, सैनिकों का शूल देखो
गहरी अंधियारी हर जगह छविसारी है |
डूम डम डूम डम- राजाजी का है हूकम
वर खोजो एक, नेक धरम करम |
ज्ञानि हो व दानी हो , न वो अभिमानी हो
कुमारी जी को राजी हो, स्वयं अभिलासी हो |
युवकों की डेरी होगी, सपनो की फेरी होगी
कलेजे में शीत होगी, राजाजी की जीत होगी |
डूम डम डूम डम, कुमारी का है ये प्रण
न करूँगी विवाह , नृप ना ही चखेगा अन्न |
नृपता का हो मरण, सेना का हो पतन
ठाना है येही, ये है मेरा वचन ||
प्रथमाभिलाशी
अभिषेक मिश्रा
चिंता परचंड है, परतिग्या अखंड है |
यौवन घड़ी लंघ चली, नृप सुधी बड चली
काहें राजकुमारी अब बाबुल दुलारी है |
तज गृह प्रजा राज, त्यागा नृपता का ताज
ठाना घनघोर प्रण, वर पाने पे चखुंगा अन्न |
सारे काज तज, डर हरी नाम भज
रानी पटरानी सारी द्वार में पधारी हैं |
गजरों के फूल देखो, सैनिकों का शूल देखो
गहरी अंधियारी हर जगह छविसारी है |
डूम डम डूम डम- राजाजी का है हूकम
वर खोजो एक, नेक धरम करम |
ज्ञानि हो व दानी हो , न वो अभिमानी हो
कुमारी जी को राजी हो, स्वयं अभिलासी हो |
युवकों की डेरी होगी, सपनो की फेरी होगी
कलेजे में शीत होगी, राजाजी की जीत होगी |
डूम डम डूम डम, कुमारी का है ये प्रण
न करूँगी विवाह , नृप ना ही चखेगा अन्न |
नृपता का हो मरण, सेना का हो पतन
ठाना है येही, ये है मेरा वचन ||
प्रथमाभिलाशी
अभिषेक मिश्रा