ईश्वर सीखे इन्सान से
कैसे आस्था बढ़ाई जाती है
कलयुग सीखे द्वापर से
कैसे मित्रता निभाई जाती है
शहर सीखे जंगल से
कैसे मेघा समाई जाती है
सीखे सागर नदीयों से
कैसे सभ्यता बसाई जाती है
शहरी जाने किसान से
अनाज की कद्र क्या होती है
सीखें युवा, जवान से
देश की फ़िक्र क्या होती है
माँ पूछे इक बाँझ से
औलाद की अहमियत क्या है
बूझें रेगिस्तान से
जलाशय की कीमत क्या है
शांति सीखे संग्राम से
रण में मरण की भीषणता
कौरव सीखें पार्थ से
वासना विलास की क्षणभंगुरता
रात सिखाये प्रभात को
कर्मो के फल नहीं खोते
सूरज तो आता जाता है
नक्षत्र कभी नहीं सोते
कैसे आस्था बढ़ाई जाती है
कलयुग सीखे द्वापर से
कैसे मित्रता निभाई जाती है
शहर सीखे जंगल से
कैसे मेघा समाई जाती है
सीखे सागर नदीयों से
कैसे सभ्यता बसाई जाती है
शहरी जाने किसान से
अनाज की कद्र क्या होती है
सीखें युवा, जवान से
देश की फ़िक्र क्या होती है
माँ पूछे इक बाँझ से
औलाद की अहमियत क्या है
बूझें रेगिस्तान से
जलाशय की कीमत क्या है
शांति सीखे संग्राम से
रण में मरण की भीषणता
कौरव सीखें पार्थ से
वासना विलास की क्षणभंगुरता
रात सिखाये प्रभात को
कर्मो के फल नहीं खोते
सूरज तो आता जाता है
नक्षत्र कभी नहीं सोते
~ अभिषेक मिश्रा
Brilliant :)
ReplyDeleteamazing :)
ReplyDeleteWow. Awesome :D :)
ReplyDeleteGood work man
ReplyDeleteLoved the last few lines... Very deep...
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